Bhagvad Geeta Jayanti Vidhi with Images & Mp3 Audio
G-01 श्रीमद् भगवद् गीता - महिमा
- जीवन के सर्वांगीण विकास के लिए गीता एक अद्भुत ग्रंथ है । भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं : गीता मे हृदयं पार्थ… गीता मेरा हृदय है अर्जुन ।
- सम्पूर्ण विश्व में ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ ही एक ऐसा ग्रंथ है जिसकी जयंती मनायी जाती है ।
- गीता जयंती ‘मोक्षदा एकादशी’ के दिन मनायी जाती है ।
- इसी दिन कुरुक्षेत्र के मैदान में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को निमित्त बनाकर मनुष्यमात्र को ‘गीता-ज्ञान’ देकर परम सुख, परम शांति प्राप्त करने का मार्ग दिखाया ।
- ‘गीता’ का ज्ञान जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति देने वाला है ।
- गीता के प्रत्येक अध्याय एवं मात्र एक श्लोक के पाठ का भी बड़ा माहात्म्य है ।
- जिस मनुष्य के जीवन में ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ का ज्ञान है, वह संसार की तमाम विघ्न -बाधाओं के बीच भी आनंद से रहता है और अपने परमात्म-पद को पाने में सफल हो जाता है ।
G-02 गीता-महिमा श्लोक :
हरि सम जग कछु वस्तु नहीं, प्रेम पंथ सम पंथ । सद्गुरु सम सज्जन नहीं, गीता सम नहीं ग्रंथ ।।
- गीता के इस दुर्लभ ज्ञान की अनुभूति गीता के मर्मज्ञ आत्मसाक्षात्कारी महापुरुषों के चरणों में जाने से ही होती है । पूज्य संत श्री आशारामजी बापू ने कठोर तप व साधना द्वारा अपने गुरुदेव साँई श्री लीलाशाहजी महाराज की कृपा से गीता-ज्ञान आत्मसात् किया और गुरुदेव की आज्ञा शिरोधार्य करके अपने सत्संग के माध्यम से पिछले 50 वर्षों से देश-विदेश में जन-जन तक गीता-ज्ञान पहुँचाकर विश्व-कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं ।
G-03 आओ जानें कैसे मनायी जाती है 'गीता जयंती' ?
- श्रीमद्भगवद्गीता को सुंदर, ऊँचे आसन पर स्थापित करके पुष्प, धूप, दीप आदि से पूजन करें ।
- गीता-माहात्म्य पढ़ने के बाद पाठ करें ।
- प्रतिदिन कम-से-कम एक श्लोक पढ़ने का संकल्प अवश्य करें तथा करायें ।
G-04 ' गीता ' में है हर समस्या का समाधान
- गीता के 18वें अध्याय का आखिरी श्लोक 21 बार जपकर के घर से बाहर निकलें तो नौकरी-धंधा, रोजी-रोटी बढ़िया चलेगी ।
G-05 श्लोक :
- यत्र योगेश्वरः कृष्णो यत्र पार्थो धनुर्धरः ।
तत्र श्रीर्बिजयो भूतिध्रुवा नीतिर्मतिर्मम ॥
G-06 गीता के अध्याय की महिमा :
- गीता के 15वें अध्याय का पाठ करके भोजन करने से भोजन भगवत्प्रसाद बन जाता है ।
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- 7वें अध्याय का पाठ करके उसका पुण्यफल मृतात्माओं को अर्पण करने से उनको शांति व सद्गति मिलती है ।
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G-07 गीतापाठ महिमा श्लोक :
- गीतायाः श्लोकपाठेन गोविन्दस्मृतिकीर्तनात् ।
साधुदर्शनमात्रेण तीर्थकोटिफलं लभेत् ॥ - ‘गीता के श्लोक के पाठ से, भगवान के स्मरण और कीर्तन से तथा आत्मतत्व में विश्वांतिप्राप्त संत के दर्शनमात्र से करोड़ों तीर्थ करने का फल प्राप्त होता है ।’
G-08 श्रीमद्भागवत गीता के कुछ कल्याणकारी श्लोकों का पाठ ।
- आइये सभी मिलकर Video अनुसार श्रीमद्भागवत गीता के कुछ कल्याणकारी श्लोकों का पाठ करें ।
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