A Short Story in Hindi For Kids [Baccho Ke lie Motivational Kahani]:
➠ बालक मुरलीधर की माँ ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं थीं किंतु थीं बहुत बुद्धिमान। उन्होंने अपने बेटे को एक गुड़िया दी। उसकी खासियत थी कि वह जब भी गिरती थी, हर बार उठ खड़ी होती थी।
➠ वह खिलौना देते हुए माँ ने समझाया : ‘‘बेटा ! इस गुड़िया को गिराते-गिराते तुम थक जाओगे लेकिन यह हर बार उठ खड़ी होगी। इसी तरह जीवन में तुम्हें बार-बार गिरने पर भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए व फिर से उठ खड़ा होना चाहिए । हार नहीं मानना ही जिंदगी का दूसरा नाम है ।’’
➠ धन्य हैं भारत की नारियाँ ! जो एक छोटे खिलौने के माध्यम से भी ऐसे-ऐसे दिव्य संस्कार अपने सपूतों में डालती हैं । बचपन में मिले ये दिव्य संस्कार व्यक्ति को महान बना देते हैं । यही बालक मुरलीधर आगे चलकर प्रसिद्ध समाजसेवक बाबा आमटे के नाम से विख्यात हुआ ।
~ लोक कल्याण सेतु, अप्रैल 2011