Khana Jaldi Pachane Ki Tips in Hindi [Gas Problem ka ilaj/ upay] : पहले का खाया हुआ भोजन जब पच जाए तभी उचित मात्रा में दूसरी बार भोजन करना चाहिए अन्यथा सभी रोगों का जड़ ‘अजीर्ण रोग’ हो जाता है। दिन में बारम्बार खाते रहने वालों के पेट को आराम न मिल पाने से उन्हें पेट की गड़बड़ियाँ एवं उनसे उत्पन्न होने वाले अन्य अनेकानेक रोगों का शिकार होना पड़ता है। अनुचित समय में किया हुआ भोजन भी ठीक से न पचने के कारण अनेक रोगों को उत्पन्न करता है।

सुबह की अपेक्षा शाम का भोजन हल्का व कम मात्रा में लेना चाहिए। रात को अन्न के सूक्ष्म पचन की क्रिया मंद हो जाती है… अतः सोने से ढाई तीन घंटे पहले भोजन कर लेना चाहिए। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अधिक भोजन की आवश्यकता नहीं होती अपितु जो भोजन खाया जाता है उसका पूर्ण पाचन अधिक महत्त्वपूर्ण होता है।

Best Time to Eat Breakfast, lunch, Dinner in Hindi

सुबह का भोजन 9 से 11 बजे के बीच और शाम का भोजन 5 से 7 बजे के बीच कर लेना चाहिए। शाम को प्राणायाम आदि संध्या के कुछ नियम करके भोजन करें तो ज्यादा ठीक रहेगा। भोजन के बीच-बीच में थोड़ा-थोड़ा गुनगुना पानी पीना चाहिए। भोजन के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए अपितु पौने दो घंटे के बाद प्यास के अनुरूप पानी पीना हितावह है।

Important Tips for Healthy Diet Plans : Bhojan Karte Samaye in Chizo ka Dhyan Rake

◆स्वच्छ, पवित्र स्थान पर शांत व प्रसन्नचित्त होकर भोजन करें।

◆भोजन भगवान का प्रसाद समझकर बिना किसी प्रतिक्रिया के समभाव एवं आदरपूर्वक करना चाहिए।

◆खड़े-खड़े खाने से आमाशय को भोजन पचाने में अधिक श्रम करना पड़ता है। अतः यथासम्भव सुखासन में बैठकर भोजन करना चाहिए

◆भोजन भूख से कुछ कम करें।

◆भोजन में विपरीत प्रकृति के पदार्थ न हों, जैसे दूध और नमकयुक्त पदार्थ, अधिक ठंडे और अधिक गर्म पदार्थ एक साथ नहीं खाने चाहिए।

◆भोजन करते समय सूर्य (दायाँ) स्वर चलना चाहिए ताकि भोजन का पाचन ठीक से हो। (स्वर बदलने की विधि हेतु पढ़ें ‘ऋषि प्रसाद’ जनवरी 2017, पृष्ठ 32)

◆भोजन में अधिक व्यंजनों का उपयोग न हो। भोजन ताजा, सुपाच्य व सादा हो। जिन व्यंजनों को बनाने में अधिक मेहनत लगती है, उनको पचाने के लिए जठराग्नि को भी अधिक मेहनत करनी पड़ती है।

स्रोतः ऋषि प्रसाद, सितम्बर 2017, पृष्ठ संख्या 30, अंक 297