Corn Health Benefits, Nutritional Facts and Calories in Hindi [Makka Ke Fayde]:
भुट्टा या मकई कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है । आयुर्वेद के अनुसार यह कफ पित्तशामक, वायुवर्धक शीतल, रुक्ष गुणयुक्त होता है । मक्के के सिके हुए नर्म व हरे भुट्टे स्वादिष्ट एवं पौष्टिक होते हैं । मक्के के आटे का टिक्कड़ बना के पलाश के पत्तों के बीच में सेक लें, यह अत्यंत मधुर, रोचक एवं पोषक होता है ।
मकई में पाये जानेवाले विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स के कारण यह त्वचा, हृदय, मस्तिष्क, पाचनतंत्र एवं बालों के लिए काफी लाभप्रद है । इसमें विटामिन ‘ए’, ‘सी’ एवं ‘के’ के साथ बीटा केरोटिन व सेलेनियम का संयोग होने से यह थायरॉइड ग्रंथि की कार्यक्षमता एवं रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाने में सहायता करती है ।
मकई में विभिन्न प्रकार के फाइटोकेमिकल्स केरोटिन पाये जाते हैं जो जीर्ण रोगों एवं अनेक प्रकार के कैंसर से लड़ने में सहायक होते हैं । भुट्टे में प्रचुर मात्रा में रेशे पाये जाते हैं जो कब्ज व बवासीर दूर करने में सहायक होते हैं । इन रेशों से पेट के कैंसर से भी रक्षा होती है । भुट्टे में विटामिन ‘बी’ और फोलिक एसिड पर्याप्त मात्रा में होते हैं जो रक्ताल्पता (anaemia) दूर करने में सहयोगी हैं ।
फोलिक एसिड गर्भ के समुचित विकास में सहायक होता है अतः गर्भिणी माताओं को मकई का सेवन करना चाहिए ।
एक अनुसंधान में यह बात सामने आयी है कि भुट्टे के बालों में रोग-निवारक तत्त्व पाये जाते हैं ।
गुर्दों के विकारों में चमत्कारिक प्रयोग
मकई के भुट्टे के 50 ग्राम बाल 2 लीटर पानी में धीमी आँच पर उबालें । 1 लीटर पानी शेष रहने पर छान लें । उस पानी को थोड़ा-थोड़ा करके उसी दिन पियें । इससे गुर्दे (Kidney) की सूक्ष्म कोशिकाओं की शुद्धि होकर वृक्कशोथ, वृक्क अकर्मण्यता (Kidney Failure), पथरी, पेशाब में बार-बार होनेवाले संक्रमण आदि गुर्दों के विकारों में व पीलिया में चमत्कारिक लाभ होता है ।
सावधानी : मक्का पचने में भारी होता है अतः दुर्बल पाचनशक्तिवाले इसका सेवन अल्प मात्रा में करें अथवा नहीं करें । अच्छे से सेके या उबाले हुए ताजे, कोमल भुट्टे पचने में सुलभ होते हैं ।
➢ लोक कल्याण सेतु, अक्टूबर 2017