Side Effects of Eating Brown & White Bread [Is Bread Bad for You in Hindi]

कई बीमारियों के साथ देता है कैंसर को बुलावा ।

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) के एक अध्ययन में सामने आया है कि ब्रेड से कैंसर का खतरा बढ़ता है । ब्रेड बनाने में पोटैशियम ब्रोमेट और पोटैशियम आयोडेट नामक घातक रसायनों का प्रयोग होता है ।

पोटेशियम ब्रोमेट पेट-दर्द, दस्त, मिचली, उलटी, गुर्दों की खराबी (Kidney Failure), अल्पमूत्रता (oliguria), पेशाब न बनना (Anuria), बहरापन, चक्कर आना, उच्च रक्तचाप, केन्द्रीय तंत्रिका प्रणाली का अवसाद (Depression Of The Central Nervous System), रक्त में प्लेटलेट्स की कमी आदि कई बीमारियों को पैदा करता है । इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) के अनुसार इससे कैंसर होने की सम्भावना भी बढ़ जाती है ।

इतना ही नहीं, यह रसायन आटे में पाये जानेवाले विटामिन्स, फैटी एसिड्स आदि पोषक तत्वों को घटाकर पौष्टिकता को कम कर देता है । पोटैशियम आयोडेट से शरीर में जरूरत से ज्यादा आयोडीन जा सकता है ।

इन रसायनों का उपयोग कई देशों में निषिद्ध है पर भारत में इनका धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है । ब्रेड के अलावा अन्य बेकरी-उत्पादों में भी इन रसायनों का प्रयोग किया जाता है । सर्वेक्षण के लिए अलग-अलग जगहों से ब्रेड, पाव, बन पीजा, बर्गर, केक आदि के नमूने लिये गये थे ।

Health Side Effects of Eating Bread [Bread Khane Ke Nuksan]

  • रक्त में शर्करा व इन्सुलिन की मात्रा बढ़ती है । यह आवश्यकता से अधिक खाने की लत को बढ़ाता है । 
  • ब्रेड में ग्लूटेन नामक प्रोटीन पाया जाता है, जो आँतों की दीवारों को क्षतिग्रस्त करता है, जिससे पेट में दर्द और कब्ज होता है । यह पोषक तत्त्वों के अवशोषण को रोकता है । ग्लूटेन की एलर्जी मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों – विखंडित मनस्कता (Schizophrenia) और सेरेबेलर अटैक्सिया (Cerebellar ataxia) का कारण भी हो सकती है । 
  • इसमें फाइटिक एसिड जैसे एंटी न्यूट्रिएंट्स भी होते हैं, जो कैल्शियम, लौह तत्त्व और जस्ते के अवशोषण को रोकते हैं ।
  • ब्रेड से पेट तो भर जाता है लेकिन पोषण नहीं के बराबर मिलता है । अगर आपका बच्चा भूख लगने पर हर रोज ब्रेड ही खाता है तो वह कुपोषण का शिकार हो सकता है ।
  • यह आसानी से नहीं पचता । इससे पाचन-संबंधी कई बीमारियाँ होने का खतरा बढ़ता है । 
  • उपरोक्त हानियों के अलावा ब्रेड एक तामसी पदार्थ होने से मन-बुद्धि को भी तामसी बनाता हैं, थकान-आलस्य बढ़ाता है ।

➢ लोक कल्याण सेतु, जून 2016