मैंने सन् २००८ में ५ वर्ष की उम्र में पूज्य बापूजी से सारस्वत्य मंत्र की दीक्षा ली थी, तब से नियमित रूप से मंत्र जप करता हूँ।
कक्षा ४ से १० तक की पढ़ाई मैंने संत श्री आशारामजी पब्लिक स्कूल, राजकोट से की है।
पूज्य बापूजी से प्राप्त सारस्वत्य मंत्र और गुरुकुल में मिले उच्च संस्कारों के प्रभाव से मेरे मनोबल, आत्मबल, बुद्धिबल में आशातीत वृद्धि हुई जिसके परिणामस्वरूप कक्षा ११वीं में ही मेरा चयन राज्य सरकार द्वारा संचालित जयदीप सिंह खेल संकुल, देवगढ़ बारिया में हो गया।
यहाँ मेरी पढ़ाई और रहने-खाने का सारा खर्च सरकार देती है और साथ-ही-साथ अनुभवी कोच द्वारा खेलकूद की ट्रेनिंग भी दी जाती है।
इस वर्ष २४ से २६ सितम्बर को तमिलनाडु में आयोजित जूनियर नेशनल एथलेटिक्स स्पर्धा में मुझे तृतीय स्थान प्राप्त हुआ एवं ब्रोंज मेडल भी मिला।
वर्तमान में भी मुझे कई राष्ट्रीय स्पर्धाओं में भाग लेने हेतु चुना गया है।
यहाँ के बाह्य वातावरण में भी मैं अपना जप-नियम कभी नहीं छोड़ता।
मैं अपनी सफलता का सारा श्रेय अपने गुरुदेव पूज्य संत श्री आशारामजी बापू को देता हूँ क्योंकि उनकी कृपा से ही यह सब संभव हुआ है।
– संघानी कश्यप (राजकोट गुरुकुल)