Navratri Puja Vidhi at Home| 1st Day to 9th Day of Navratri 2024
Navratri 2024 Puja Path Vidhi at Home in Hindi नवरात्रि के 9 दिनों में विद्यार्थी सुबह 1 कटोरी खीर लेकर यज्ञ कुंड में गायत्री मंत्र बोलते हुए थोड़ी-थोड़ी खीर की 108 आहुति डालें तो बच्चे
Navratri 2024 Puja Path Vidhi at Home in Hindi नवरात्रि के 9 दिनों में विद्यार्थी सुबह 1 कटोरी खीर लेकर यज्ञ कुंड में गायत्री मंत्र बोलते हुए थोड़ी-थोड़ी खीर की 108 आहुति डालें तो बच्चे
Importance of Dusshera in Hindi [Significance of Vijayadashami 2024] : दशहरा एक दिव्य पर्व है । सभी पर्वों की अपनी-अपनी महिमा है किंतु दशहरा पर्व की महिमा जीवन के सभी पहलुओं के विकास, सर्वांगीण विकास
Benefits of Navratri Fast/ Vrat/ Upvas [The importance of fasting during Navratri] नवरात्र-व्रत पापनाशक है । इसमें उपवास करके देवी भगवती की पूजा,जप व होम करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है। धर्म,अर्थ, काम
जगत में शक्ति के बिना कोई काम सफल नहीं होता है । चाहें आपका सिद्धांत कितना भी अच्छा हो, आपके विचार कितने ही सुंदर और उच्च हों लेकिन अगर आप शक्तिहीन हैं तो आपके विचारों
Why Moon is Inauspicious On Ganesh Chaturthi 2024 Story in Hindi. Kalank Chaturthi, Ganesh Chauth Chandra Darshan Nhi Karna (Chand Ko Nahi Dekhna): ➠ गणेश चतुर्थी को ‘कलंकी चौथ’ भी कहते हैं। इस चतुर्थी का
Do you Know Why is Lord Ganesha worshipped first? Ganesh ji ki puja sabse pehle kyu ki Jati hai Katha/ Kahani, Aiye Jante hai : ❀ गुरु-सन्देश – जो ध्यान करते हैं, शांत बैठते हैं
(गणेश चतुर्थी : 7 September 2024)एक दिन परशुरामजी अपने गुरुदेव भगवान शंकर के दर्शन की इच्छा से कैलाश पहुँचे । उस समय गणेशजी द्वार पर पहरा दे रहे थे । परशुरामजी ने उनसे कहा :
Ganesh Chaturthi Special Story. Vinayak Chaturthi Special Katha/ Kahani/ Story in Hindi & Marathi: ➠ “संयमशिरोणि, जितेन्द्रियों में अग्रगण्य,पार्वतीनंदन,श्रीगणेश का चंदन-विलेपित,तेजस्वी विग्रह देखकर तुलसीदेवी का मन उनकी ओर बरबस आकृष्ट हो गया।” ➠ ‘ब्रह्मवैवर्त पुराण
➠ जो इन्द्रिय-गणों का, मन-बुद्धि गणों का स्वामी है, उस अंतर्यामी विभु का ही वाचक है ‘गणेश’ शब्द । ‘गणानां पतिः इति गणपतिः ।’ ➠ उस निराकार परब्रह्म को समझाने के लिए ऋषियों ने और
❀ गुरु-सन्देश – जहाँ दृढ़ विश्वास एवं श्रद्धा होती है, वहाँ प्रभु स्वयं साकार रूप धारण करके भोजन स्वीकार करें, इसमें क्या आश्चर्य ! ➠ गणपति के भक्त मोरया बापा, विठ्ठल के भक्त तुकारामजी एवं