Rakhi Ka Dhaga [Brahmacharya Spcl] Raksha Bandhan 2024 Special
Yuvadhan Ki Suraksha | Rakhi ka Sutra | Raksha Bandhan Special on Brahmacharya कैसी दिव्य है भारतीय संस्कृति ! पड़ोस के भाई या बहन के प्रति मन में थोड़ा-सा विकारी भाव उत्पन्न हुआ तो यह
Yuvadhan Ki Suraksha | Rakhi ka Sutra | Raksha Bandhan Special on Brahmacharya कैसी दिव्य है भारतीय संस्कृति ! पड़ोस के भाई या बहन के प्रति मन में थोड़ा-सा विकारी भाव उत्पन्न हुआ तो यह
What is Raksha Bandhan in Hindi [Why Rakshabandhan is Celebrated] भाई का बहन के प्रति व साधक का सद्गुरु के प्रति स्नेह प्रकट करने तथा सद्गुरु का साधक के प्रति सुरक्षा-संकल्प करने का दिवस ।
Bal Sanskar Kendra Me Kaise Manaye Rakhi – Raksha Bandhan 2022 Special रक्षाबंधन शुभ संकल्प करने का दिन है । इस पर्व पर शुभ भावों के विकास हेतु सबसे पहले केन्द्र में आये बच्चों से
भारतीय संस्कृति में रक्षाबंधन आत्मीयता और स्नेह के बंधन से पवित्र रिश्तों, पवित्र भावों को मजबूती प्रदान करने का पर्व है । यह पर्व मात्र रक्षासूत्र के रूप में राखी बाँधकर रक्षा का वचन ही
Sadhako Ne bandhi Prem ki Doori (Rakhi) – Vedic Raksha Bandhan 2022 Special. साधकों ने है बाँधी प्रेम की डोरी सदगुरु आयेंगे । हम सबकी लगी है प्रीत की डोरी कि सद्गुरु आयेंगे ।। अपना
अधिकतर हम राखी के दिन एक छोटी-सी भेंट ले-देकर खुशियाँ मनाते हैं । किंतु रक्षाबंधन तो एक-दूसरे की उन्नति के शुभ संकल्प का दिन है । रक्षाबंधन आपसी स्नेह-सौहार्द बढ़ाने व परस्पर मंगलकारी शुभ संकल्प
Significance and Importance Of Guru Purnima 2022. Why we Celebrate Guru Poonam गुरुपूर्णिमा जो लघु से गुरु की ओर ले जाए, जो मर शरीर में अपनी अमरता का आत्मप्रकाश कर दे, जीव से ब्रह्म कर
Kaise Kare Manas Pujan/ Mansik Pujan [Mental Worship] Vidhi : मानस पूजा ( गुरु पूनम पर विशेष ) गुरु पूर्णिमा अर्थात् गुरु के पूजन का पर्व । किंतु आज सब लोग अगर गुरु को नहलाने
|| श्री सदगुरु परमात्मने नमः || ➠ हाथ जोड़कर सभी प्रार्थना करेंगे – गुरुब्रह्या ग़ुरुर्विष्णु: गुरुर्देवो महेश्वर: | गुरुर्साक्षात्परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥ ध्यानमूलं गुरोर्मूर्ति: पूजामूलं गुरो: पदम् | मंत्रमूल गुरोर्वाक्यं मोक्षमूलं गुरोः कृपा ॥
मंत्र सिद्धि का अचूक उपाय :- जपमाला पूजा शास्त्रों के अनुसार जपमाला जाग्रत होती है, यानी वह जड़ नहीं, चेतन होती है। माना जाता है कि देव शक्तियों के ध्यान के साथ हाथ, अंगूठे या