Maa Ne Mera Naam Lal Bahadur Kyu Rakha? Lal Bahadur Shastri Ji
प्रेरक-प्रसंग : लाल बहादुर ही क्यों ? (लाल बहादुर शास्त्री जयंती : २ अक्टूबर) लाल बहादुर शास्त्री जी एक दिन सोचने लगे कि “परिवार में सभी लोगों का नाम प्रसाद व लाल पर है लेकिन
प्रेरक-प्रसंग : लाल बहादुर ही क्यों ? (लाल बहादुर शास्त्री जयंती : २ अक्टूबर) लाल बहादुर शास्त्री जी एक दिन सोचने लगे कि “परिवार में सभी लोगों का नाम प्रसाद व लाल पर है लेकिन
गुरु-सन्देश – जो दृढ़ निश्चयी हैं वे ही जीवन के संग्राम में सफल होते हैं, जीवनदाता की यात्रा में प्रवेश पाकर पूर्ण हो जाते हैं । जिस श्रेष्ठ कर्म का पालन हितकर हो, गांधीजी (Gandhi
लालबहादुर शास्त्रीजी के मामा लगभग रोज मांस खाने के आदी थे।
कबूतर पालना, उड़ाना और रोज उनमें से एक को मारकर खा जाना उनका नियम था।
एक दिन वे एक कबूतर को हाथ में लेकर बोले: “आज शाम तुम्हारी बारी है।”
शाम को सभी कबूतर वापस आ गये पर वह कबूतर नहीं आया। वह खपड़े में छिपा हुआ था।
भगवान में जिसकी प्रीति होती है वह अहंकार को नहीं पोषता है । -पूज्य संत श्री आशारामजी बापू एक बार गाँधीजी ने विनोबा भावे को एक पत्र लिखा । छात्रों के सामने ही वह पत्र
लक्ष्य न ओझल होने पाये,कदम मिलाकर चल ।सफलता तेरे चरण चूमेगी,आज नहीं तो कल ।। एक मुमुक्ष ने संत से पूछा :” महाराज मैं कौन सी साधना करूँ ?” संत बड़े अलमस्त स्वभाव के थे
महात्मा हरिद्रुमत गांधार देश की ओर जा रहे थे । मार्ग में एक ऐसा गाँव पड़ा जहाँ सभी लोग बूढ़े, जवान, स्त्रियाँ और बच्चे भी भगवान को प्रेम करने वाले. भगवान की भक्ति करने वाले
Swami Ramanandacharya Jayanti Special सन् 1299 में एक लड़के का जन्म हुआ । जब वह पढ़ने योग्य हुआ तो माता-पिता ने उसे काशी भेजा । एक दिन वह काशी के पंचदेव घाट पर गुरुजी की
मुंबई स्टेशन पर रेलगाड़ी खड़ी थी । एक अनजान आदमी आया, उसने ट्रेन में एक बक्सा रखा और एक यात्री को कहा: “इसे जरा देखना, मैं आता हूँ ।” समय हुआ, गाड़ी चल पड़ी; कई
एक कुम्हार अपने गधे को लेकर रोज मिट्टी लेने पहाड़ पर जाता था । जब वह गधा बूढ़ा हो गया था तो कुम्हार ने दूसरा गधा ले लिया और बूढ़े गधे को ऐसे ही छोड़
Baccho ke liye Shikshaprad Kahani [Gyanvardhak Katha/ Kahani for Kids in Hindi] : गुरु सप्तमनाथजी नालंदा विश्वविद्यालय के आचार्य थे । वे केवल किताबी ज्ञान न प्रदान कर वास्तविक, अनुभवसिद्ध ज्ञान प्रदान करने में विश्वास