‘प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेस’ पत्रिका में प्रकाशित एक ब्रिटिश अध्ययन के अनुसार रात्रि-जागरण हमारे शरीर के डी.एन.ए को गम्भीर नुकसान पहुंचाता है। डी.एन.ए हमारी कोशिकाओं के केन्द्र में मौजूद वह महत्त्वपूर्ण तत्त्व है जिसमें हमारी आनुवांशिक विशेषताओं की जानकारी होती है। जैसे – हमारे बालों का रंग, आँखों का रंग क्या होगा ? या हमें कौन-कौन सी बीमारियाँ हो सकती हैं ?
सरी विश्वविद्यालय (इंग्लैंड) में शोधकर्ताओं ने २२ स्वस्थ लोगों का विश्लेषण किया और उनके सोने के समय में लगातार ३ दिनों तक ४ घंटे की देरी की। शोधकर्ताओं ने यह पाया कि सभी २२ लोगों के जीन्स की लय को गहरा नुकसान पहुँचा है। ९७% से अधिक जीन्स जो पहले तालबद्ध थे, सोने का समय बदलने से अपनी लय खो चुके थे। ये जीन्स हमारे डी.एन.ए का ६% हिस्सा होते हैं और बीमारियों के खिलाफ हमारे शरीर के रक्षाकवच का काम करते हैं। शोधकर्ताओं ने नतीजा निकाला कि लम्बे समय तक रात में काम करना शरीर के लिए गम्भीर स्वास्थ्य – समस्याएँ पैदा कर सकता है।
📚फरवरी 2014/लोक कल्याण सेतु