हाल ही में ब्रिटेन की एक जवान वृद्धा ने संयमी जीवन की महत्ता का प्रत्यक्ष उदाहरण प्रस्तुत किया है ।
ब्रिटेन की 105 वर्षीय कुमारी मीडमोर अपनी दीर्घायु का रहस्य ब्रह्मचर्य (Brahmcharya) बताती हैं।
सन 1903 में ग्लासगो में जन्मी क्लारा मीडमोर कहती हैं कि *’मेरा कभी कोई बॉयफ्रेंड नहीं रहा । मैंने 12 साल की उम्र में शादी ना करने का फैसला किया और अपने इस निर्णय पर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।’*

लोक कल्याण सेतु – अप्रैल-मई 2009/142/6