फरवरी 2006 में नासिक में पूज्यश्री के श्रीमुख से नि:सृत अमृतवचन (Bapuji’s Hearts Desire)
बच्चों के कौन-कौन-से केंद्र में क्या-क्या खजाने छुपे हैं,इस बात को मैं जानता हूँ।
इसीलिए विद्यार्थी शिविर में बच्चों को बुलाते हैं । शिविरों में थोड़ा-बहुत तो सभी को मिल जाता है लेकिन उनमें से कुछ ऐसे बच्चे-बच्चियाँ मिल जायें कि मेरे गुरु का खजाना मैं उनको दूँ और भारत का भविष्य जगद्गुरु (विश्वगुरु) के ऊँचे सिंहासन पर रख दूँ इसीलिए इतनी दौड़-धूप कर रहा हूँ, इतने शिविर व साधनायें कर और करवा रहा हूँ, सत्संग करवा रहा हूँ।