[Bow Pose]* Dhanurasana Benefits, Yoga Steps, Images, How to Do
Dhanurasana Meaning in Hindi
इस आसान में शरीर का आकार धनुष के समान हो जाता है । एक-दूसरे को खींचते हुए पैर व हाथ का आकार प्रत्यंचा (डोरी) के समान हो जाता है । इसलिए इसे ‘धनुरासन’ कहते हैं ।
Dhanurasana Vidhi Step by Step
Step 1 :
भूमि पर बिछे हुए कम्बल पर पेट के बल उल्टे होकर लेट जायें ।
Step 2 :
दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें और दोनों हाथों को पीछे ले जाकर दोनों पैरों को टखनों से पकड़ें ।
Step 3 :
जितना हो सके उतना सिर पीछे की ओर ले जाते जाएँ और दृष्टि भी ऊपर एवं पीछे की ओर रहे ।
Step 4 :
बाद में हाथ खोलकर पैर तथा सिर को मूल अवस्था में ले जायें और पूरक करें ।
Note :
समग्र शरीर का बोझ केवल नाभिप्रदेश के ऊपर ही रहेगा ।
कमर से ऊपर का धड़ एवं कमर से नीचे पूरे पैर ऊपर की ओर मुड़े हुए रहें ।
प्रारंभ में पाँच सेकण्ड यह आसन करें ।
धीरे-धीरे समय बढ़ाकर तीन मिनट या उससे भी अधिक समय इस आसन का अभ्यास करें ।
तीन-चार बार यह आसन करना चाहिए ।
Benefits of Bow Pose | Dhanurasana Benefits
धनुरासन के अभ्यास से पेट की चरबी कम होती है ।
गैस दूर होती है ।
पेट को रोग नष्ट होते हैं ।
कब्ज में लाभ होता है ।
भूख खुलती है ।
छाती का दर्द दूर होता है ।
हृदय की धड़कन मजबूत बनती है ।
श्वास की क्रिया व्यवस्थित चलती है ।
मुखाकृति सुंदर बनती है ।
आँखों की रोशनी बढ़ती है और तमाम रोग दूर होते हैं ।
हाथ-पैर में होने वाला कंपन रूकता है ।
शरीर का सौन्दर्य बढ़ता है ।
पेट के रोग नष्ट होते हैं ।
पेट के स्नान्युओं में खिंचाव आने से पेट को अच्छा लाभ होता है ।
आँतों पर खूब दबाव पड़ने से पेट के अंगों पर भी दबाव पड़ता है । फलतः आँतों में पाचक रस आने लगता है इससे जठराग्नि तेज होती है, पाचनशक्ति बढ़ती है ।
वायुरोग नष्ट होते हैं ।
पेट के क्षेत्र में रक्त का संचार अधिक होता है ।
धनुरासन में भुजंगासन और शलभासन का समावेश हो जाने के कारण इन दोनों आसनों के लाभ मिलते हैं ।
स्त्रियों के लिए यह आसन खूब लाभकारक है ।
इससे मासिक धर्म के विकार, गर्भाशय के तमाम रोग दूर होते हैं ।
Dhanurasana Precautions
धनुरासन हर्निया की शिकायतवालों को बिल्कुल नहीं करना चाहिए ।
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