Surya Namaskar Steps (Poses), Mantra, Benefits, Images, 12 Steps [ सूर्य नमस्कार के फायदे ( लाभ)]:
Surya Namaskar Benefits in Hindi
हमारे ऋषियों ने मंत्र और व्यायाम सहित एक ऐसी प्रणाली विकसित की है जिसमें सूर्योपासना का समन्वय हो जाता है । इसे ‘सूर्यनमस्कार’ कहते हैं । इसमें कुल 12 आसनों का समावेश है । हमारी शारीरिक शक्ति की उत्पत्ति, स्थिति एवं वृद्धि सूर्य पर आधारित है ।
जो लोग सूर्यस्नान करते हैं, सूर्योपासना करते हैं वे सदैव स्वस्थ रहते हैं । सूर्यनमस्कार से शरीर की रक्तसंचरण प्रणाली, श्वास-प्रश्वास की कार्यप्रणाली और पाचन-प्रणाली आदि पर असरकारक प्रभाव पड़ता है । यह अनेक प्रकार के रोगों के कारणों को दूर करने में मदद करता है । सूर्यनमस्कार के नियमित अभ्यास से शारीरिक एवं मानसिक स्फूर्ति के साथ विचारशक्ति और स्मरणशक्ति तीव्र होती है ।
पश्चिमी वैज्ञानिक गार्डनर रॉनी ने कहा : सूर्य श्रेष्ठ औषध है । उससे सर्दी, खांसी, न्यूमोनिया और कोढ़ जैसे रोग भी दूर हो जाते हैं ।
डॉक्टर सोले ने कहा : सूर्य में जितनी रोगनाशक शक्ति है, उतनी संसार की अन्य किसी चीज़ में नहीं । प्रातःकाल शौच स्नानादि से निवृत होकर कंबल या टाट (कंतान) का आसन बिछाकर पूर्वाभिमुख खड़े हो जायें । सिद्ध स्थिति (इसके लिए नीचे दी गयी Step 1 [ पहली स्थिति ] देख सकते हैं ।) में हाथ जोड़ कर, आंखें बंद करके, हृदय में भक्तिभाव भरकर भगवान आदिनारायण का ध्यान करें :-
ध्येयः सदा सवितृमण्डलमध्यवर्ती नारायणः सरसिजासनसन्निविष्टः ।
केयूरवान् मकरकुण्डलवान् किरीटी हारी हिरण्मयवपर्धृतशंखचक्रः ।।
सवितृमण्डल के भीतर रहने वाले, पद्मासन में बैठे हुए, केयूर, मकर कुण्डल किरीटधारी तथा हार पहने हुए, शंख-चक्रधारी, स्वर्ण के सदृश देदीप्यमान शरीर वाले भगवान नारायण का सदा ध्यान करना चाहिए । (आदित्यहृदयः 938)
आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर ।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोsस्तुते ।।
हे आदिदेव सूर्यनारायण ! मैं आपको नमस्कार करता हूँ । हे प्रकाश प्रदान करने वाले देव ! आप मुझ पर प्रसन्न हों । हे दिवाकर देव ! मैं आपको नमस्कार करता हूँ । हे तेजोमय देव ! आपको मेरा नमस्कार है ।
यह प्रार्थना करने के बाद सूर्य के तेरह मंत्रों में से प्रथम मंत्र ‘ॐ मित्राय नमः ।’ के स्पष्ट उच्चारण के साथ हाथ जोड़ कर, सिर झुका कर सूर्य को नमस्कार करें । फिर चित्रों कें निर्दिष्ट 12 स्थितियों का क्रमशः आवर्तन करें । यह एक सूर्य नमस्कार हुआ । इस मंत्र द्वारा प्रार्थना करने के बाद निम्नांकित मंत्र में से एक-एक मंत्र का स्पष्ट उच्चारण करते हुए सूर्यनमस्कार बारहों स्थितियों का क्रमबद्ध अनुसरण करें ।
Surya Namaskar Mantra Lyrics in Hindi
- ॐ मित्राय नमः ।
- ॐ रवये नमः ।
- ॐ सूर्याय नमः ।
- ॐ भानवे नमः ।
- ॐ खगाय नमः ।
- ॐ पूष्णे नमः ।
- ॐ हिरण्यगर्भाय नमः ।
- ॐ मरीचये नमः ।
- ॐ आदित्याय नमः ।
- ॐ सवित्रे नमः ।
- ॐ अर्काय नमः ।
- ॐ भास्कराय नमः ।
- ॐ श्रीसवितृ-सूर्यनारायणाय नमः ।
Surya Mantras for Fitness
Surya Namaskar Step by Step with Images
Step 1 (पहली / सिद्ध स्थिति) :
- प्रणामासन – ॐ मित्राय नमः ।
- सबसे पहले सम स्थिति में सूर्याभिमुख सावधान की स्थिति में खड़े हो जायें । दोनों हाथों को ऊपर से लाकर नमस्कार की मुद्रा बनायें ।
Step 2 (दूसरी स्थिति) :
- हस्तोत्तानासन – ॐ रवये नमः ।
- श्वास भरते हुए हाथों को ऊपर उठाते हुए, बिना कोहनी मोड़े पीछे की ओर ले जायें । सिर हाथों के बीच में स्थित रहेगा, कमर को यथाशक्ति पीछे झुकायें ।
Step 3 (तीसरी स्थिति) :
- पादहस्तासन – ॐ सूर्याय नमः ।
- श्वास बाहर निकालकर हाथों को सामने झुकाते हुए पैरों के पास जमीन पर टिका दें तथा सिर को घुटनों से लगाने का प्रयास करें, घुटने न मोड़ें ।
Step 4 (चौथी स्थिति) :
- संचालनासन, अश्व संचालनासन – ॐ भानवे नमः ।
- श्वास अन्दर भरकर दायें पैर को पीछे की ओर लें जायें तथा बायां पैर 90 डिग्री पर रहे, दृष्टि सामने की तरफ रहे ।
Step 5 (पांचवीं स्थिति) :
- पर्वतासन – ॐ खगाय नमः ।
- श्वास बाहर निकालकर बायें पैर को भी पीछे ले जायें, गर्दन और सिर दोनों हाथों के बीच में रहे । संभव हो तो सिर जमीन से लगा सकते हैं ।
Step 6 (छठी स्थिति) :
- साष्टांगासन – ॐ पूष्णे नमः ।
- श्वास को रोककर हाथों एवं पैरों के पंजों को स्थिर रखते हुए छाती एवं घुटनों से भूमि का स्पर्श करें । श्वास सामान्य रहे ।
Step 7 (सातवीं स्थिति) :
- भुजंगासन – ॐ हिरण्यगर्भाय नमः ।
- श्वास अन्दर भरकर छाती को ऊपर उठायें, नाभि तक का भाग भूमि पर टिका हो । दृष्टि आकाश की ओर रहे ।
Step 8 (आठवीं स्थिति) :
- पर्वतासन – ॐ मरीचये नमः ।
- श्वास बाहर निकालकर नितंब को ऊपर उठाते हुए पैरों को सीधा करें । सिर हाथों के बीच में रहे, हो सके तो जमीन पर लगा दें ।
Step 9 (नौवीं स्थिति) :
- अश्व संचालनासन – ॐ आदित्याय नमः ।
- श्वास अन्दर भरकर दायें पैर को दोनो हाथों के बीच में रखें, बायाँ पैर पीछे सीधा व तना हुआ रहे । और दृष्टि सामने की तरफ रहे ।
Step 10 (दसवीं स्थिति) :
- पादहस्तासन – ॐ सवित्रे नमः ।
- श्वास बाहर निकालकर बायें पैर को दायें पैर के पास लायें, घुटने सीधे करें, सिर को घुटनों से लगाने का प्रयास करें ।
Step 11 (ग्यारहवीं स्थिति) :
- हस्तोत्तानासन – ॐ अर्काय नमः ।
- श्वास अन्दर भरकर सामने से हाथों को ऊपर उठाते हुए पीछे की तरफ ले जायें ।
Step 12 (बारहवीं स्थिति) :
- प्रणामासन – ॐ भास्काराय नमः ।
- श्वास की गति सामान्य रखते हुए दोनों हाथ जोड़ लें तथा हाथों को छाती के सामने रखें । अंत में सम स्थिति में आ जायें ।
Surya Namaskar 12 Steps
सूर्य नमस्कार के लाभ [Surya Namaskar Ke Labh]
- प्रतिदिन विधिवत् सूर्यनमस्कार करने से यह हमारे शरीर के सम्पूर्ण अंगों की विकृतियों को दूर करके उसे निरोग बना देता है ।
- हाथों-पैरों का दर्द दूर होता है व उनमें सबलता आ जाती है ।
- गर्दन, फेफड़े तथा पसलियों की मांसपेशियाँ सशक्त हो जाती हैं ।
- शरीर की फालतू चर्बी कम होती है व शरीर हल्का-फुल्का हो जाता है ।
- सूर्यनमस्कार द्वारा त्वचा रोग समाप्त हो जाते हैं अथवा होने की सम्भावना समाप्त हो जाती है । इसके अभ्यास से कब्ज आदि पेट की समस्याएँ मिट जाती हैं और पाचन तंत्र बलवान हो जाता है ।
- शरीर की छोटी-बड़ी सभी नस-नाड़ियाँ क्रियाशील हो जाती हैं इसलिए आलस्य, अतिनिद्रा आदि विकार दूर हो जाते हैं ।
Surya Namaskar Precautions
- उच्च रक्तचाप (high blood pressure), हृदयरोग, हर्निया व मेरुदंड की समस्या में तथा ऑपरेशन वाले व्यक्तियों और गर्भवती महिलाओं के लिए सूर्यनमस्कार वर्जित है ।
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FAQ's on Surya Namaskar
– हाँ । और अन्य आसनों की भी जानकारी प्राप्त करें : Click Here