Thomas Alva Edison : A Story from his life Biograhpy in Hindi

Thomas Alva Edison story in hindi
Thomas Alva Edison story in hindi

Thomas Alva Edison : An Inspiratioal/ Motivational Story from his life Biograhpy in Hindi for Kids [Baccho Ke lie Kahani]

  • एक दिन थॉमस अल्वा एडिसन स्कूल से अपने घर आया और स्कूल से मिले हुए पेपर को अपनी माँ से देते हुए बोला कि : “माँ मेरे शिक्षक ने मुझे यह पत्र दिया है और कहा है कि ‘इसे केवल अपनी माँ को ही देना !!’ बताओ माँ आखिर इसमें ऐसा क्या लिखा है ? मुझे जानने की बड़ी उत्सुकता है !!”
  • तब पेपर को पढ़ते हुए माँ की आँखें रुक गईं और तेज आवाज़ में पत्र पढ़ते हुए बोली :- “आपका बेटा बहुत ही प्रतिभाशाली है…. यह विद्यालय उसकी प्रतिभा के आगे बहुत छोटा है और उसे और बेहतर शिक्षा देने के लिए हमारे पास इतने काबिल शिक्षक नहीं है इसलिए आप उसे खुद पढ़ायें या हमारे स्कूल से भी अच्छे स्कूल में पढने को भेजें !!”
  • ये सब सुनने के बाद एडिसन अपने आप पर गर्व करने लगा और माँ की देख-रेख में अपनी पढाई करने लगा ।
  • लेकिन एडिसन के माँ के मृत्यु के कई सालों बाद एडिसन एक महान वैज्ञानिक बन गया और एक दिन अपने कमरों की सफाई कर रहा था तो उसे अलमारी में रखा हुआ वह पत्र मिला जिसे उसने खोला और पढने लगा । उस में लिखा था कि :- “आपका बेटा मानसिक रूप से बीमार है… जिससे उसकी आगे की पढाई इस स्कूल में नहीं हो सकती है ।  इसलिए उसे अब स्कूल से निकाला जा रहा है । ”
  • इसे पढ़ते ही एडिसन भावुक हो गया और फिर अपनी डायरी में लिखा कि :- “थॉमस एडिसन तो एक मानसिक रूप से बीमार बच्चा था लेकिन उसकी माँ ने अपने बेटे को सदी का सबसे प्रतिभाशाली व्यक्ति बना दिया ।”
  • नैतिक शिक्षा – जीवन में हम क्या हैं ? कैसे हैं ? यह महत्वपूर्ण नहीं है लेकिन अगर अपने ऊपर माँ की ममता और प्यार हो तो मानसिक रूप से भी बीमार बच्चे का भविष्य और नियति को बदला जा सकता है और बच्चा माँ के आंचल से दुनिया का सबसे महान व्यक्ति भी बन सकता है !

How to Celebrate Matru Pitru Pujan Divas [Divine Valentines Day]

  • मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाओ… यह दिवस निरंतर जलने वाली एक ज्योत है…
  • आप सभी सचमुच बड़े सौभाग्यशाली हैं क्योंकि आपको आज सही समय पर सही चीज की पहचान हो रही है । ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ पूज्य संत श्री आशारामजी बापू द्वारा शुरू किया गया एक ऐसा दिवस है जिसका महत्व केवल एक दिन तक सीमित नहीं है । यह दिवस निरंतर जलने वाली एक ज्योत है, जिसके प्रकाश से मन की सारी बुराइयाँ मिटने लगती हैं । हमें कभी भी अपने माता-पिता एवं गुरु का कर्ज तथा अपना फर्ज भूलना नहीं चाहिए ।

Matru Pitru Poojan Vidhi Step by Step with Images & Mp3 Audio

M-01 माता-पिता और सद्गुरु की महिमा

  • शत शत प्रणाम ! कोटी कोटी प्रणाम ! माता-पिता और सद्गुरू से उच्च नहीं किसी और का स्थान ।
  • माता-पिता अपना जीवन संतान के पालन-पोषण में समर्पित कर देते हें । महिमा विस्तृत में पढ़ें : Click Here

M-02+03+04 पूज्य बापूजी अमृतवाणी :

  • हमारे माता-पिता के उपकार को, उनकी हमारे लिये सही गयी पीड़ा को व्यर्थ नहीं जाने देंगे । संतों-महापुरुषों व शास्त्रों द्वारा दिखाये गए मार्ग पर चलते हुए अपनी संस्कृति, गुरुजनों और माता-पिता की सेवा करते रहेंगे और हर वर्ष 14 फरवरी को ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ के रूप में मनायेंगे ।

M-05 शिव पुराण ग्रंथ :

  • शिवपुराण में आता है – ‘जो पुत्र माता-पिता की पूजा करके उनकी प्रदक्षिणा करता है, उसे पृथ्वी-परिक्रमाजनित फल अवश्य सुलभ हो जाता है ।’ आओ ! हम भी अपने माता-पिता का पूजन कर के धन्य हो जायें ।

M-06 शंख ध्वनि :

  • सबसे पहले बैकग्राउंड में शंख की ध्वनि सुनायी देगी ।

M-07+08 आसन विधि एवं श्लोक :

  • आसन विधि : सर्व प्रथम माता-पिता को स्वच्छ तथा ऊँचे आसन पर बिठायें ।
  • आसन श्लोक :

आसने स्थापिते ह्यत्र पूजार्थं भवरोरिह ।
भवन्तौ संस्थितौ तातौ पूर्यतां मे मनोरथः ।।

M-09+10 तिलक विधि एवं श्लोक :

  • तिलक विधि : बेटे-बेटियाँ माता-पिता के माथे पर कुंकुम का तिलक करें ।
  • तिलक श्लोक :

ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः । स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः । स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः । स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥

M-11+12 पुष्प-फूलमाला विधि एवं गीत :

  • पुष्प-फूलमाला विधि : माता-पिता के सिर पर पुष्प एवं अक्षत रखें । और उन्हें फूलमाला पहनायें ।

M-13+14 परिक्रमा विधि और श्लोक-गीत

  • परिक्रमा विधि : जैसे भगवान गणेशजी ने अपने पिता भगवान शिवजी और माता पार्वती जी की सात परिक्रमा कर सर्वप्रथम पूजनीय होने का वरदान पाया, आशीर्वाद पाया और वे वंदनीय हो गये । ऐसे ही हम भी अपने माता-पिता की सात परिक्रमा करें । इससे पृथ्वी परिक्रमा का फल प्राप्त होता है ।
  • परिक्रमा श्लोक :
यानि कानि च पापानि जन्मान्तरकृतानि च । तानि सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्षिणपदे पदे ।।

M-15+16 प्रणाम विधि व श्लोक :

  • प्रणाम विधि : माता-पिता को झुककर विधिवत् प्रणाम करें ।
  • प्रणाम श्लोक :

अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः ।
चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलम् ।।

M-17+18 आरती विधि एवं आरती :

  • आरती विधि : थाली में दीपक जलाकर माता-पिता की आरती करें ।
  • दीप प्रज्वलन श्लोक : दीपज्योतिः परब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः । दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते ॥
  • ॐ जय जय मात-पिता, प्रभु गुरुजी मात-पिता….आरती के लिए हेतु :- Click Here

M-19+20 बच्चों को तिलक विधि एवं ध्वनि :

  • बच्चों को तिलक विधि : अब माता-पिता भाव-विभोर होकर बच्चों के माथे पर तिलक करें ।

M-21+22 बच्चों पर पुष्प-फूलमाला विधि :

  • फिर माता-पिता बच्चों के सिर पर स्नेहपूर्वक पुष्प व अक्षत रखें और अपने गले की फूलमाला बच्चों को पहनायें । मानो अपने जीवन की सारी दुआएँ, सारी खुशियों के फूल उनके गले में डाल रहे हैं ।

M-23+24 भाव से देखें एवं अमृतवाणी :

  • पूज्य बापूजी का कल्याणकारी संदेश है कि ‘‘अब बच्चे थोड़ी देर मौन बैठें । माता-पिता अपने बच्चों को स्नेहपूर्वक देखें और मन-ही-मन उनके प्रति आत्मकृपा बरसायें । इस समय बच्चे आदर से, सद्भाव से माता-पिता को निहारें… ’’

M-25+26 शुभ आशीष विधि & आज परम आनंद मिला... :

  • बच्चों के सिर पर हाथ घुमायें… उन्हें शुभ आशीष दें । माता-पिता अपनी संतान को प्रेम से सहलायें । बच्चे अपने माता-पिता के गले लगें…

M-27+28 आँखें छलक उठी :

  • ऐसा प्रेम-दिवस मनाकर कइयों की आँखें छलक उठी हैं । माँ का दिल अपने बच्चे के लिए भाव से भर गया है । पिता भी गदगद हो रहे हैं । हों भी क्यों न ?? यह ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ पवित्र प्रेम को जगाता है । आइये इस ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ के प्रणेता पूज्य बापूजी के अमृतवचन हम सुनें ।

M-29 संकल्प :

  • अब बेटे-बेटियाँ हाथ जोड़कर अपने माता-पिता को निहारते हुए ये पवित्र संकल्प करेंगे :
  • ‘‘मैं अपने माता-पिता व गुरुजनों का आदर करूँगा । मेरे जीवन को महानता के रास्ते ले जानेवाली… उनकी आज्ञाओं का पालन करना मेरा कर्तव्य है … और मैं उसे अवश्य पूरा करूँगा ।’’

M-30+31 मधुर प्रसाद विधि :

  • अब हर शुभ घड़ी की तरह, बेटे-बेटियाँ माता-पिता का मुँह मीठा करें और माता-पिता भी अपने बच्चों को मधुर-प्रसाद खिलायें ।

M-32 सच्चा प्रेम दिवस :

  • तो यह है पूज्य संत श्री आशारामजी बापू की पावन प्रेरणा से शुरू हुआ दिवस ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ । ये ही है सच्चा प्रेम दिवस न कि पाश्चात्य की देन-वैलेंटाइन डे ।
  • नहीं कोई दिवस मातृ-पितृ पूजन समान, लाये दिवस ऐसा संत श्री बापू आशाराम ।।
  • पूज्य बापूजी ने जो पथ हम सबको प्रदर्शित किया है, हम दृढ संकल्प करते हैं कि हम अपने माता-पिता और गुरुजनों की सेवा करते रहेंगे । और हर वर्ष 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में एक निस्वार्थ प्रेम दिवस मनायेंगे । और सद्गुरु की परम कृपा से इसी जीवन में इश्वर को प्राप्त करके रहेंगे ।
  • 14 फरवरी – मातृ पितृ पूजन दिवस एक विश्वव्यापी अभियान की सम्पूर्ण जानकारी के लिए  : Click Here
  • मातृ पितृ पूजन के प्रचार-प्रसार एवं पूजन हेतु उपयोगी ऑडियो, वीडियो, गीत एवं बैनर डाउनलोड करने के लिए : Click Here

कैसे करें अपने क्षेत्र में मातृ पितृ पूजन ? (प्रशिक्षण )