मेरा गणित विषय बहुत कमजोर था, जिससे महाविद्यालय में पास होना मुझे चुनौती-सा लगता था।
मेरी जन्मकुंडली में लिखा था कि मेरी पढ़ाई छूट जायेगी और हुआ भी ऐसा ही !! महाविद्यालय के प्रथम वर्ष की परीक्षा में मैं पास नहीं हो सकी और मेरी पढ़ाई छूट गयी । परंतु मेरे सद्गुरुदेव बापूजी ने मेरे लेख पर मेख मार दी और मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
चेटीचंड के अवसर पर अहमदाबाद में मैंने गुरुमंत्र लिया और फिर से पढ़ाई चालू की।
गुरुमंत्र लेने के बाद मेरी किस्मत के सितारे तो ऐसे चमके कि मैं हर सेमेस्टर में आगे बढ़ती चली गयी। आखिर पूज्य बापूजी की कृपा से मैं सरदार पटेल विश्वविद्यालय (गुजरात) में प्रथम आयी । अब मैं एन्वायरमेंट बायोटेक से मास्टर्स कर रही हूँ।
कहाँ तो मैं एक सामान्य विद्यार्थिनी थी जो गणित विषय में अनुत्तीर्ण हो जाती थी और कहाँ मैं पूरी यूनिवर्सिटी में प्रथम आयी। यह सब पूज्य बापूजी की कृपा से हुआ ।
पूज्यश्री ने हमें हमेशा हर मुश्किल घड़ी से उबारा है। बापूजी के श्रीचरणों में मेरी श्रद्धा-भक्ति हमेशा बढ़ती रहे यही मेरी प्रार्थना है।
जिन्होंने पूरी दुनिया में संयम-शिक्षा, निःस्वार्थ समाज-सेवा, देश-सेवा, गौ-सेवा और भक्ति-ज्ञानयोग की गंगा बहाकर करोड़ों लोगों को पवित्र किया है, ऐसे परम पवित्र पूज्य बापूजी पर षड्यंत्र करके जो आरोप लगाये जा रहे हैं वे सब-के-सब पूरी तरह झूठे और मनगढंत हैं। मैं उनका खंडन करती हूँ।
✍🏻-झंखना रमेशभाई पटेल
बालासिनोर (गुज.)