- होली के दिन किया हुआ जप लाख गुना फलदायी होता है । यह साफल्य-दिवस है, घुमक्कड़ों की नाई भटकने का दिन नहीं है । मौन रहना, उपवास पर रहना, फलाहार करना और अपना-अपना गुरु मंत्र जपना ।
- इस दिन जिस निमित्त से भी जप करोगे वह सिद्ध होगा । ईश्वर को पाने के लिए जप करना। नाम-जप की कमाई बढ़ा देना ताकि दुबारा माँ की कोख में उलटा होकर न टँगना पड़े । पेशाब के रास्ते से बहकर नाली में गिरना न पड़े । होली के दिन लग जाना लाला-लालियाँ ! आरोग्य मंत्र की भी कुछ मालाएँ कर लेना ।
अच्युतानन्तगोविन्द नामोच्चारणभेषजात् ।
नश्यन्ति सकला रोगाः सत्यं सत्यं वदाम्यहम् ॥
- हे अच्युत ! हे अनंत ! हे गोविंद ! – इस नामोच्चारणरूप औषध से जाते हैं, यह मैं सत्य कहता हूँ, सत्य कहता हूँ । तमाम रोग नष्ट हो । (धन्वंतरि महाराज)
- दोनों नथुनों से श्वास लेकर करीब सवा से डेढ मिनट तक रोकते हुए मन-ही-मन दुहराना :
नासै रोग हरै सब पीरा ।
जपत निरंतर हनुमत बीरा ।।
- फिर 50 से 60 सेकंड श्वास बाहर रोककर मंत्र दुहराना । इस दिन जप-ध्यान का फायदा उठाना, काम-धंधे तो होते रहेंगे । अपने-अपने कमरे में गोझरण मिश्रित पानी से पोता मारकर थोडा गंगाजल छिड़क के बैठ जाना। हो सके तो इस दिन गोझरण मल के स्नान कर लेना । लक्ष्मी स्थायी रखने की इच्छा रखनेवाले गाय का दही शरीर पर रगड़ के स्नान कर लेना । लेकिन वास्तविक तत्त्व ( सदा स्थायी है, उसमें अपने में को मिला दो बस, हो गया काम ! ब्रह्मचर्य पालन में मदद के लिए ‘ॐ अर्यमायै नमः’ मंत्र का जप बड़ा महत्त्वपूर्ण है ।
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– पूज्य संत श्री आशारामजी बापू
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➢ ऋषि प्रसाद, मार्च 2013