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दीप प्रज्वलन श्लोक :
दीपज्योतिः परब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः ।
दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते ॥
Om Jai Jai Mata Pita Aarti in Hindi
ॐ जय जय मात-पिता, प्रभु गुरुजी मात-पिता ।
सद्भाव देख तुम्हारा – 2, मस्तक झुक जाता ।।
ॐ जय जय…
कितने कष्ट उठाये हमको जनम दिया, मइया पाला – बड़ा किया ।
सुख देती, दुःख सहती – 2, पालनहारी माँ ॥
ॐ जय जय….
अनुशासित कर आपने उन्नत हमें किया, पिता आपने जो है दिया ।
कैसे ऋण मैं चुकाऊँ – 2, कुछ न समझ आता ॥
ॐ जय जय…
सर्व तीर्थमयी माता सर्व देवमय पिता, ॐ सर्व देवमय पिता ।
जो कोई इनको पूजे – 2, पूजित हो जाता ।।
ॐ जय जय…
मात-पिता की पूजा गणेशजी ने की, श्रीगणेशजी ने की ।
सर्वप्रथम गणपति को – 2, ही पूजा जाता ।।
ॐ जय जय…
बलिहारी सद्गुरु की मारग दिखा दिया, सच्चा मारग दिखा दिया ।
मातृ-पितृ पूजन कर – 2, जग जय जय गाता ।।
ॐ जय जय…
मात-पिता प्रभु गुरु की आरती जो गाता, है प्रेम सहित गाता ।
वो संयमी हो जाता, सदाचारी हो जाता, भव से तर जाता ॥
ॐ जय जय…
लफंगे-लफंगियों की नकल छोड़, गुरु सा संयमी होता, गणेशजी सा संयमी होता ।
स्वयं आत्मसुख पाता – 2, औरों को पवाता ॥
ॐ जय जय…
(आरती की तर्ज – ॐ जय जगदीश हरे…)