Adhik Maas / Purushottam Maas 2020 Kya Kare, Kya Na Kare?

Adhik Maas 2020 Date Or Purushottam Maas 2020 Date

अधिक – पुरुषोत्तम मास 18 सितम्बर से 16 अक्टूबर 2020

◆ Purushottam Maas Me Kya Kare ?

(१) आँवला और तिल के उबटन से स्नान पुण्यदायी और स्वास्थ्य व प्रसन्नतावर्धक है।

(२) आँवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करना अधिक प्रसन्नता और स्वास्थ्य देता है।

(३) भगवन्नाम-जप, कीर्तन, भगवद्स्मरण, ध्यान, दान, स्नान आदि तथा पुत्रजन्म के कृत्य, पितृमरण के श्राद्ध आदि एवं गर्भाधान, पुंसवन जैसे संस्कार किये जा सकते हैं।

(४) दीपक-दान से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं, दुःख-शोकों का नाश होता है, वंशदीप बढ़ता है, ऊँचा सान्निध्य मिलता है, आयु बढ़ती है।

(५) गीता के १५ वें अध्याय का अर्थ सहित प्रेमपूर्वक पाठ करना और गायों को घास व दाना दान करना चाहिए ।
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(६) ‘देवी भागवत’ के अनुसार यदि दान आदि का सामर्थ्य न हो तो संतों-महापुरुषों की सेवा (उनके दैवी कार्यों में सहभागी होना) सर्वोत्तम है । इससे तीर्थस्नान, तप आदि के समान फल प्राप्त होता है।

(७) इस मास में किये गये निष्काम कर्म कई गुना विशेष फल देते हैं।

(८) भक्तिपूर्वक सद्गुरु से अध्यात्म विद्या का श्रवण करने से ब्रह्महत्या जनित भयंकर पाप भी नष्ट हो जाते हैं तथा दिन-प्रतिदिन अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है। निष्काम भाव से यदि श्रवण किया जाए तो जीव मुक्त हो जाता है।

Purushottam Maas Me Kya Nahi Kare ?

(१) पुरुषोत्तम मास व चतुर्मास में नीच कर्मों का त्याग करना चाहिए। वैसे तो सदा के लिए करना चाहिए लेकिन आरम्भ वाला भक्त इन्हीं महीनों में त्याग करे तो उसका नीच कर्मों के त्याग का सामर्थ्य बढ़ जायेगा।

(२) इस मास में विवाह अथवा सकाम कर्म एवं सकाम व्रत वर्जित है । अतः कर्म संसारी कामनापूर्ति के लिए नहीं, ईश्वर के लिए करना ।

~ ऋषि प्रसाद अप्रैल २०१८

पुण्य प्रदाता पुरुषोत्तम मास (अधिक मास)