Refined Oil Side Effects/ Disadvantages| Refined Oil Harmful Effects on Health in Hindi: रिफाइंड तेल बनाने की प्रक्रिया में न केवल तेल के पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं बल्कि इसमें कई प्रकार के जहरीले व रोगोत्पादक रसायनों का निर्माण भी होता है ।
सोयाबीन (Soyabean Refined Oil), सूरजमुखी (Sunflower Refined Oil), मूँगफली (Groundnut Refined Oil) आदि के तेलों को रिफाइन करने के दौरान फॉस्फोरिक एसिड, ऑक्जेलिक एसिड, सिलिका, साइट्रिक एसिड, ब्लीचिंग अर्थ, एक्टिवेटेड कार्बन, कॉस्टिक सोडा जैसे रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है ।
Diseases due to Refined Oil Side Effects
रिफाइंड तेल का उपयोग हृदयरोग (Heart Disease), यकृत (Liver) व गुर्दों (Kidneys ) की खराबी, कैंसर, मधुमेह (diabetes), अस्थि भंगुरता (Osteoporosis), गठिया, अवसाद (Depression), सूजन जैसे कई गम्भीर रोगों को निमंत्रण देता है ।
अतः तिल, नारियल, सूरजमुखी, सरसों, मूंगफली के घानीवाले (बिना रिफाइन किये) तेल का उपयोग करना हितकारी एवं स्वास्थ्यकर है । व्यक्ति जिस स्थान पर जन्म लेता है तथा निवास करता है उस स्थान पर प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होनेवाले पदार्थ उसके स्वास्थ्य के लिए अनुकूल होते हैं ।
दक्षिण भारत में नारियल का उत्पादन प्रचुर मात्रा में होता है अतः वहाँ के निवासियों के लिए नारियल का तेल अनुकूल है । ऐसे ही उत्तर भारत में सरसों की एवं मध्य भारत में मूंगफली की पैदावार विशेष रूप से होती है अतः उन-उन भागों में तत्संबंधी तेल उपयुक्त हैं ।
सोयाबीन मूलरूप से हमारे देश की उपज नहीं है । इसी कारण सोयाबीन पौष्टिकता से भरपूर होने पर भी हमारे देशवासियों के स्वास्थ्य के लिए हितकर नहीं है ।
आजकल हमारे देश में जैतून के तेल (Olive oil) का उपयोग बढ़ता जा रहा है ।
मेडिटेरेनियन सागर के किनारों पर बसे हुए देशों के जैतून-वृक्ष के फलों से बननेवाला यह तेल औषधीय गुणों से युक्त होने पर भी जो लाभ भारतीयों को सरसों, तिल आदि के तेल से मिल सकता है वह जैतून या सोयाबीन के तेल से नहीं मिल सकता ।
➢ लोक कल्याण सेतु, अगस्त 2017