KatiPindMardan Asana Meaning
- इस आसन में कटिप्रदेश ( कमर के पास वाले भाग ) में स्थित पिण्ड अर्थात मूत्रपिण्ड का मर्दन होता है, इससे यह आसन कटिपिण्डमर्दनासन कहलाता है ।
Kati Pind Mardan Asan Vidhi Step by Step
Step 1 :
- बिछे हुए कम्बल पर पीठ के बल चित होकर लेट जायें ।
Step 2 :
- दोनों हाथों को आमने-सामने फैला दें । मुट्ठियाँ बन्द रखें ।
Step 3 :
- दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर खड़े कर दें । पैर के तलवे ज़मीन से लगे रहें ।
Step 4 :
- दोनों पैरों के बीच इतना अन्तर रखें कि घुटनों को ज़मीन पर झुकाने से एक पैर का घुटना दूसरे पैर की एड़ी को लगे… सिर दायीं ओर मुड़े तो दोनों घुटने बायीं ओर ज़मीन को लगें ।
Benefits of KatiPindMardan Asana
- पथरी के दर्द में लाभ होता है । पथरी टुकड़े-टुकड़े होकर मूत्र के द्वारा बाहर निकलने लगती है ।
- मूत्र विकार दूर होता है ।
- कमर दर्द, साइटिका, रीढ़ की हड्डी की जकड़न, उदासीनता, निराशा, डायाबिटीजं, नपुंसकता, गैस, पैर की गाँठ इत्यादि रोगों में शीघ्र लाभ होता है ।
- नाभि स्थान से च्युत हो जाती हो तो पुनः अपने स्थान में आ जाती है ।
- कब्ज का रोगी सुबह शौच जाने से पहले उषापान करके यह आसन करे तो चमत्कारिक लाभ होता है ।
- श्वास को अन्दर भर के पेट को फुलाकर यह आसन करने से कब्ज जल्दी दूर होता है ।
कटिपिण्डमर्दनासन करते समय सावधानियां
- यह आसन भूखे पेट ठीक ढंग से करना चाहिए ।
- मासिक धर्म के समय एवं गर्भावस्था में स्त्रियाँ यह आसन न करें ।
- योगासन करते समय और भी किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए पढ़ें विस्तार से… Read More