पूज्य बापूजी का विद्यार्थियों के लिए वरदान…!!

कानों में उँगलियाँ डालकर लम्बा श्वास लो । जितना लम्बा श्वास लोगे उतने फेफड़ों के बंद छिद्र खुलेंगे, रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ेगी ।
 
श्वास रोककर कंठ में भगवान के पवित्र, सर्वकल्याणकारी ʹૐʹ का जप करो । मन में ʹप्रभु मेरे, मैं प्रभु काʹ बोलो ।
 
मुँह बंद रख के कंठ से ૐ…. ૐ…. ૐ…. ૐ….. ૐ…… ૐ….. ૐ….. ओઽઽઽम्…. का उच्चारण करते हुए श्वास छोड़ो । इस प्रकार दस बार करो ।
 
कानों में से उँगलियाँ निकाल दो ।
 
इतना करने के बाद शांत बैठकर होठों से जपो – ʹૐ ૐ प्रभु जी ૐ ,आनंद देवा ૐ, अंतर्यामी ૐ….ʹ दो मिनट करना है । फिर हृदय से जपो – ʹૐशांति…., ૐ आनंद…., ૐૐૐ…ʹ जीभ व होंठ मत हिलाओ । अब कंठ से जप करना है । यह एक चमत्कारिक प्रयोग है । इसके नियमित अभ्यास से बुद्धिशक्ति का अदभुत विकास होगा । विद्यार्थियों के लिए तो यह वरदानस्वरूप है ।
 
– हम भारत के लाल हैं ।

योग्यताओं के खजाने को खोलने की चाबी