What is Raksha Bandhan in Hindi [Why Rakshabandhan is Celebrated]
- भाई का बहन के प्रति व साधक का सद्गुरु के प्रति स्नेह प्रकट करने तथा सद्गुरु का साधक के प्रति सुरक्षा-संकल्प करने का दिवस । यह महोत्सव शुभ संकल्प, व्रत और नियम लेने तथा स्वाध्याय व आत्मिक शुद्धि के लिए अनुष्ठान करने का दिवस है । पर्व-त्यौहारों में किये गये शुभ कर्म विशेष आनंददायी, फलदायी व सुख-शांतिदायी होते हैं । इसलिए आप इस दिन मन-ही-मन अपने इष्टदेव, गुरुदेव को राखी बाँधना और प्रार्थना करना कि ‘हे इष्टदेव ! हे गुरुदेव ! हम सांसारिक विकारों से सुरक्षित रहें, चिंताओ से बचे रहें ।’ बाह्य पूजा की अपेक्षा मानसिक पूजा विशेष लाभदायी होती है ।
- रक्षाबंधन के दिन स्नान के समय गौधूलि और गौ-गोबर एवं जौ-तिल आदि का उबटन शरीर पर लगायें, शारीरिक शुद्धि हो जायेगी ।
- रक्षाबंधन यह सत्प्रेरणा देता है कि आप अपने दाहिने हाथ पर बहन या किसी हितैषी से सुरक्षा के भाव से भरी राखी बँधवा लेना और ऐसी भावना करना कि ‘मेरी विकारों से रक्षा हो, मेरी भक्ति बढे व भगवत्प्राप्ति की सन्मति मुझे प्राप्त हो ।’ साथ ही दृढ संकल्प करें कि ‘मुझे इसी जन्म में समता के सुख को पाना है । मैं जरा-जरा सी बात में दुःखी क्यों होऊँ, मैं तो दुःखहारी श्रीहरि के रस को पाऊँगा ।’
- इस दिन बहन भाई के मस्तक पर तिलक-अक्षत लगाते समय संकल्प करे कि ‘मेरे भाई का मन अक्षय ज्ञान में, अक्षय शांति में, अक्षय आनंद में प्रवेश पाये । उसे प्रत्येक कार्य में सफलता मिले । मेरा भाई त्रिलोचन बने अर्थात् दो नेत्रों से जगत को देखकर साधारण जीव की तरह आयुष्य नष्ट न करे, अपितु परमात्म ज्ञान संपन्न तीसरा नेत्र खोले ।’
- भाई बहन के शील, स्वास्थ्य और मनोभावों की रक्षा करने का संकल्प करे । राखी कितनी कीमती है इसका महत्व नहीं है । बाँधने वाले का भाव और बँधवाने वाले की दृढता जितनी अधिक है उतना ही अधिक फल होता है । आप अगर ईमानदारी से इस सुरक्षा के धागे का फायदा उठाते हैं तो इससे संयम बढेगा, ब्रह्मचर्य एवं युवाधन की रक्षा होगी ।