How many times should you chew your food? Benefits of Chewing

How many times should you chew your food? Benefits of Chewing Food 32 Times?

  • जापान के डोशिश विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने खोज की है कि भोजन चबाने से काफी मात्रा में लार (रस) निकलता है । लार में एण्टीकार्सिनोजेसिक फैक्टर (ए.सी.एफ.) पाया जाता है जो कैंसरकारी प्रभाव को खत्म कर देता है । चबा-चबाकर खाने से मंदाग्नि, अपच, अजीर्ण, कोलाईटिस, अति अम्लपित्त, अल्सर आदि अनेक रोग ठीक होने लगते हैं । मुँह का रस क्षारीय होता है जो पेट के अम्लपित्त को कम कर देता है ।
  • ब्रिटेन के हैमर स्मिथ अस्पताल के वैज्ञानिकों ने मुँह की लार के रस में एक अत्यंत उपयोगी, एक खास प्रकार के प्रोटीन एपिडरमल ग्रोथ फैक्टर (ई.जी.एफ.) को पाया है जो कि ऊतकों के क्षतिग्रस्त होने की दर को कम कर देता है । यही कारण है कि चबा-चबाकर खाने से निकला लार पेट में हुए आसानी से ठीक कर देता है ।
  • भोजन चबा-चबाकर खाने से कम खाकर भी ज्यादा तृप्ति मिलती है, क्योंकि चबाने से तृप्ति से संबंधित न्यूरोकेमिकलों का स्राव नियंत्रित, नियमित और नियोजित होता है, जिससे शरीर का मोटापा संतुलित रहता है । भोजन जितना चबाया जाता है, उतना ही भोजन के चयापचय क्रिया में भाग लेनेवाले हार्मोंस, इंसुलिन आदि का संतुलित स्राव होता है ।
  • आयुर्वेद के अनुसार एक ग्रास को लगभग बत्तीस बार चबाना चाहिए । अन्न को दाँतों से चबाकर नहीं खाने पर अँतड़ियों को अधिक काम करना पड़ता है जिससे जठराग्नि पर बुरा असर पड़ता है । मनोवैज्ञानिकों ने खोज की है कि चबा-चबाकर काफी देर (25-30 मिनट) तक भोजन करने से मानसिक तनाव कम हो जाते हैं ।
  • इसलिए उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिए आप भी भोजन मौन होकर प्रसन्न मन से खूब चबा-चबाकर करें । जल्दी और ठूँस-ठूँसकर भोजन करना अपने स्वास्थ्य एवं प्रसन्नता की कब्र खोदना है । अधिक खाकर बीमारियों को आमंत्रित करने के बजाय उदर का दो भाग भोज्य पदार्थों से, तीसरा भाग जल से पूर्ण करें और चौथा भाग वायु-संचार के लिए खाली रखें। इससे आयु बढ़ती है, रोग का नाश होता है तथा बल और स्वास्थ्य सुख का लाभ होता है ।
  • ~ लोक कल्याण सेतु, मई-जून 2003