- मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाओ… यह दिवस निरंतर जलने वाली एक ज्योत है…
- आप सभी सचमुच बड़े सौभाग्यशाली हैं क्योंकि आपको आज सही समय पर सही चीज की पहचान हो रही है । ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ पूज्य संत श्री आशारामजी बापू द्वारा शुरू किया गया एक ऐसा दिवस है जिसका महत्व केवल एक दिन तक सीमित नहीं है । यह दिवस निरंतर जलने वाली एक ज्योत है, जिसके प्रकाश से मन की सारी बुराइयाँ मिटने लगती हैं । हमें कभी भी अपने माता-पिता एवं गुरु का कर्ज तथा अपना फर्ज भूलना नहीं चाहिए ।
Matru Pitru Poojan Vidhi Step by Step with Images & Mp3 Audio
M-01 माता-पिता और सद्गुरु की महिमा
- शत शत प्रणाम ! कोटी कोटी प्रणाम ! माता-पिता और सद्गुरू से उच्च नहीं किसी और का स्थान ।
- माता-पिता अपना जीवन संतान के पालन-पोषण में समर्पित कर देते हें । महिमा विस्तृत में पढ़ें : Click Here
M-02+03+04 पूज्य बापूजी अमृतवाणी :
- हमारे माता-पिता के उपकार को, उनकी हमारे लिये सही गयी पीड़ा को व्यर्थ नहीं जाने देंगे । संतों-महापुरुषों व शास्त्रों द्वारा दिखाये गए मार्ग पर चलते हुए अपनी संस्कृति, गुरुजनों और माता-पिता की सेवा करते रहेंगे और हर वर्ष 14 फरवरी को ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ के रूप में मनायेंगे ।
M-05 शिव पुराण ग्रंथ :
- शिवपुराण में आता है – ‘जो पुत्र माता-पिता की पूजा करके उनकी प्रदक्षिणा करता है, उसे पृथ्वी-परिक्रमाजनित फल अवश्य सुलभ हो जाता है ।’ आओ ! हम भी अपने माता-पिता का पूजन कर के धन्य हो जायें ।
M-06 शंख ध्वनि :
- सबसे पहले बैकग्राउंड में शंख की ध्वनि सुनायी देगी ।
M-07+08 आसन विधि एवं श्लोक :
- आसन विधि : सर्व प्रथम माता-पिता को स्वच्छ तथा ऊँचे आसन पर बिठायें ।
- आसन श्लोक :
आसने स्थापिते ह्यत्र पूजार्थं भवरोरिह ।
भवन्तौ संस्थितौ तातौ पूर्यतां मे मनोरथः ।।
M-09+10 तिलक विधि एवं श्लोक :
- तिलक विधि : बेटे-बेटियाँ माता-पिता के माथे पर कुंकुम का तिलक करें ।
- तिलक श्लोक :
ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः । स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः । स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः । स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥
M-11+12 पुष्प-फूलमाला विधि एवं गीत :
- पुष्प-फूलमाला विधि : माता-पिता के सिर पर पुष्प एवं अक्षत रखें । और उन्हें फूलमाला पहनायें ।
M-13+14 परिक्रमा विधि और श्लोक-गीत
- परिक्रमा विधि : जैसे भगवान गणेशजी ने अपने पिता भगवान शिवजी और माता पार्वती जी की सात परिक्रमा कर सर्वप्रथम पूजनीय होने का वरदान पाया, आशीर्वाद पाया और वे वंदनीय हो गये । ऐसे ही हम भी अपने माता-पिता की सात परिक्रमा करें । इससे पृथ्वी परिक्रमा का फल प्राप्त होता है ।
- परिक्रमा श्लोक :
यानि कानि च पापानि जन्मान्तरकृतानि च ।
तानि सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्षिणपदे पदे ।।
M-15+16 प्रणाम विधि व श्लोक :
- प्रणाम विधि : माता-पिता को झुककर विधिवत् प्रणाम करें ।
- प्रणाम श्लोक :
अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः ।
चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलम् ।।
M-17+18 आरती विधि एवं आरती :
- आरती विधि : थाली में दीपक जलाकर माता-पिता की आरती करें ।
- दीप प्रज्वलन श्लोक : दीपज्योतिः परब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः । दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते ॥
- ॐ जय जय मात-पिता, प्रभु गुरुजी मात-पिता….आरती के लिए हेतु :- Click Here
M-19+20 बच्चों को तिलक विधि एवं ध्वनि :
- बच्चों को तिलक विधि : अब माता-पिता भाव-विभोर होकर बच्चों के माथे पर तिलक करें ।
M-21+22 बच्चों पर पुष्प-फूलमाला विधि :
- फिर माता-पिता बच्चों के सिर पर स्नेहपूर्वक पुष्प व अक्षत रखें और अपने गले की फूलमाला बच्चों को पहनायें । मानो अपने जीवन की सारी दुआएँ, सारी खुशियों के फूल उनके गले में डाल रहे हैं ।
M-23+24 भाव से देखें एवं अमृतवाणी :
- पूज्य बापूजी का कल्याणकारी संदेश है कि ‘‘अब बच्चे थोड़ी देर मौन बैठें । माता-पिता अपने बच्चों को स्नेहपूर्वक देखें और मन-ही-मन उनके प्रति आत्मकृपा बरसायें । इस समय बच्चे आदर से, सद्भाव से माता-पिता को निहारें… ’’
M-25+26 शुभ आशीष विधि & आज परम आनंद मिला... :
- बच्चों के सिर पर हाथ घुमायें… उन्हें शुभ आशीष दें । माता-पिता अपनी संतान को प्रेम से सहलायें । बच्चे अपने माता-पिता के गले लगें…
M-27+28 आँखें छलक उठी :
- ऐसा प्रेम-दिवस मनाकर कइयों की आँखें छलक उठी हैं । माँ का दिल अपने बच्चे के लिए भाव से भर गया है । पिता भी गदगद हो रहे हैं । हों भी क्यों न ?? यह ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ पवित्र प्रेम को जगाता है । आइये इस ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ के प्रणेता पूज्य बापूजी के अमृतवचन हम सुनें ।
M-29 संकल्प :
- अब बेटे-बेटियाँ हाथ जोड़कर अपने माता-पिता को निहारते हुए ये पवित्र संकल्प करेंगे :
- ‘‘मैं अपने माता-पिता व गुरुजनों का आदर करूँगा । मेरे जीवन को महानता के रास्ते ले जानेवाली… उनकी आज्ञाओं का पालन करना मेरा कर्तव्य है … और मैं उसे अवश्य पूरा करूँगा ।’’
M-30+31 मधुर प्रसाद विधि :
- अब हर शुभ घड़ी की तरह, बेटे-बेटियाँ माता-पिता का मुँह मीठा करें और माता-पिता भी अपने बच्चों को मधुर-प्रसाद खिलायें ।
M-32 सच्चा प्रेम दिवस :
- तो यह है पूज्य संत श्री आशारामजी बापू की पावन प्रेरणा से शुरू हुआ दिवस ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ । ये ही है सच्चा प्रेम दिवस न कि पाश्चात्य की देन-वैलेंटाइन डे ।
- नहीं कोई दिवस मातृ-पितृ पूजन समान, लाये दिवस ऐसा संत श्री बापू आशाराम ।।
- पूज्य बापूजी ने जो पथ हम सबको प्रदर्शित किया है, हम दृढ संकल्प करते हैं कि हम अपने माता-पिता और गुरुजनों की सेवा करते रहेंगे । और हर वर्ष 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में एक निस्वार्थ प्रेम दिवस मनायेंगे । और सद्गुरु की परम कृपा से इसी जीवन में इश्वर को प्राप्त करके रहेंगे ।
- 14 फरवरी – मातृ पितृ पूजन दिवस एक विश्वव्यापी अभियान की सम्पूर्ण जानकारी के लिए : Click Here
- मातृ पितृ पूजन के प्रचार-प्रसार एवं पूजन हेतु उपयोगी ऑडियो, वीडियो, गीत एवं बैनर डाउनलोड करने के लिए : Click Here
कैसे करें अपने क्षेत्र में मातृ पितृ पूजन ? (प्रशिक्षण )
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